चेहरे को छोड़कर सुनीता के पूरे शरीर पर पट्टियां बंधी हुई हैं, जो कि 75-80 प्रतिशत जल चुका है। दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती सुनीता का कहना है, 'काश कि मैं मर जाती। कोई भी इस तरह के अत्याचार को नहीं झेलना चाहता।
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